Essay on child labour in hindi. Essay on Child Labour in Hindi 2022-10-05
Essay on child labour in hindi Rating:
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बाल मजदूरी एक ऐसा समस्या है जो हमारे समाज में अभी भी है। यह एक ऐसा अपमान है जो हमारे समाज में बच्चों को संभवतः अपने अधिकारों से निकालता है और उन्हें सामाजिक, शासनिक और आर्थिक अधिकारों से वंचित बनाता है। यह एक ऐसा समस्या है जो हमारे समाज में बहुत ही अधिक है और जो हमारे समाज में बहुत ही अधिकारों से वंचित बनाता है।
बाल मजदूरी एक ऐसा समस्या है जो हमारे समाज में बहुत ही अधिक है और जो हमारे समाज में बहुत ही अधिकारों से वंचित बनाता है। यह एक ऐसा समस्या है जो हमारे समाज में बहुत ही अधिक है और जो हमारे समाज में बहुत ही
5+ बाल मजदूरी पर निबंध
. Reason of Child Labour गरीबी ही इस बाल-मजदूरी का सबसे बड़ा कारण है । परिस्तिथि से उत्पन्न कई कारण इसको बढ़ावा देते है जैसे- कम उम्र में ही किसी अभिभावक की म्रत्यु हो जाना या फिर उनके पास रोजगार के स्थायी साधन न होना और अधिक पारिवारिक सदस्यों की संख्या होना आदि। इन सब परिस्थियों से मजबूर होकर इन बालको को उम्र और शरीर का सामर्थ्य नहीं होने पर भी अनावश्यक रूप में किसी चाय की दुकान, होटल या ढाबा, फैक्ट्री और कई प्रकार के रसायन युक्त कारखानों में काम करना पड़ता है। उस जी-तोड़ मेहनत के बाद इन्हें नाम मात्र का वेतन मिलता है जो उचित रूप से इनकी मेहनत का परिणाम भी नहीं होता है । कई मामलो में तो इनकी शरुआत सिर्फ दो वक़्त के खाने के बदले ही होती है। भारत में बाल मजदूरी Child Labour in India आज़ादी मिलने के बाद से ही भारत जैसे विकाशशील देश में भी बाल-श्रम जैसी समस्या ने अपने पैर-पसारे है । देश के महानगरो से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक यह मुख्य और गौण रूप में विद्यमान है। कश्मीर में होने वाले कालीन के उद्योग से लेकर दक्षिण भारत के माचिस और पठाखा उद्योग या महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल का बीडी उद्योग तो मुख्य रूप से बाल मजदूरी से ही विकसित हुआ है और आज भी इनके श्रम पर ही अनवरत जारी है। इनके अलावा भी कई नगरो और कस्बो में बाल-मजदूरी के द्र्श्य सामान्यतया देखने को मिल ही जाते है । बाल मजदूरी न किसी स्वतंत्र देश के लिए बल्कि यह तो सारे विश्व की मानवता के लिए एक तरह का अभिशाप ही है। बाल मजदूरी का असर Effect of Child Labour कम उम्र के सुकुमार बच्चो से जब बारह से चौदह घंटे काम लिया जाता है तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास रूक जाता है और उनका कोमल मस्तिषक पूरी तरह विकसित नहीं हो पता। उन्हें जीवन जीने के किये लिए आवश्यक आत्मविश्वास, विवेक, संयम आदि मूल्यों की परख ही नहीं रह जाती । बीमार होने पर भी लगातार काम करने से वो बीमारियाँ भयंकर रूप ले लेती है। छुट्टी नहीं मिलने या तनख्वाह काटने के डर से ये रोगी की स्तिथि में भी काम करते रहते है । कई मालिक तो दुगना वेतन भी काट लेते है । हलवाई की दूकान पर काम करने वाले कई बच्चो को तो बचा हुआ माल या फिर उसकी झुटन खाकर ही काम चलाना पड़ता है। चाय की दूकान पर कप या गिलास टूटने पर इन्हें गालिया कई बार तो लात-घुसे भी खाने पड़ते है और ऐसी ही कई अन्य यातनाये झेलनी पड़ती है । कोई वस्तु खो जाने पर चोरी का इल्जाम या वेतन से भरपाई की जाती है। सर्दी-गर्मी के अनुसार इनके बिस्तर की ,सोने की व्यवस्था भी ठीक से नहीं हो पाती है । इस प्रकार अत्यंत ही दयनीय और यातना से ग्रस्त इनका जीवन स्तर हो जाता है। बाल मजदूरी की शुरुआत Birth of Child Labour बाल मजदूरी कहा से पैदा हुई इस पर गहराई से विचार करे तो सीधा सा एक ही कारण हमें पता लगता है की गरीब-परिवार या झुग्गी झोपडी में रहने वाले बालक जिनके अभिभावकों का उन्हें पता नही या फिर बचपन में बिछुड़ गए हो या फिर वे जीवित ही नहीं हो। इन लोगो को पढने —लिखने का अवसर मिल नहीं पता और गुमराह होकर ये जिन्दा रहने की मजबूरी से बाल-मजदूरी करने को विवश हो जाते है। काम से चोरी, सोतैले माँ या पिता का बुरा व्यवहार या पढाई में मन नहीं लगने की वजह से घर छोड़ देना आदि भी इसके अन्य कारण है। देश का भविष्य कहलाने वाले बच्चो से हम बाल मजदूरी कराये ये कही से भी मानवीयता को शोभा नहीं देता है । इसके लिए हमे सबसे पहले अपने घरो का माहौल सुधारना होगा जिससे वह स्थान बच्चो को रहने के अनुकूल लगे। ऐसी परिस्तिथिया बनानी पड़ेंगी ताकि वह स्वयं को सुरक्षित महसूस करे । इनके अलावा सरकार को भी कई प्रकार की बाल-कल्याणकारी योजनाओं के द्वारा इन गुमराह और शोषित बच्चो को इनके जीवन-स्तर को सुधरने के व्यापक स्तर पर प्रयास करने होंगे तभी बाल-श्रम की इस घोर समस्या का स्थायी समाधान मिल सकता है। यह भी पढ़ें:. यह भी पढ़ें — हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Child Labour in Hindi पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।. समाज में बाल-मजदूरी से होने वाले दुशप्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ायें और इसके रोकथाम के उपाय उन्हें बताएं । 4. हमारे देश की आजादी के इतने सालों बाद भी बाल मजदूरी हमारे देश के लिए कलंक बना हुआ है हम आज भी यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि आज की सदी के भारत में भी हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे है. हमें हमारी कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना होगा तभी जाकर हम बाल श्रम जैसी भयंकर परेशानियों से निपट पाएंगे. इसलिए जब तक लोग जागरुक नहीं होंगे तब तक ऐसे ही बच्चे मजदूरी करते रहेंगे.
Child Labour Essay in Hindi or Bal Majduri (बाल मजदूरी पर निबंध)
यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि सिर्फ कुछ चंद रुपयों के लिए बच्चों के बचपन से खेला जा रहा है. By Aug 3, 2019 बालश्रमबच्चोंकोआर्थिकगतिविधियोंजैसेशोषणकारीउद्योग, अवैधव्यापार, आदिमेंअंशकालिकयापूर्णकालिकआधारपरनियोजितऔरसंलग्नकरनेकाकार्यहै। बालश्रमपरनिबंध, short essay on child labour in hindi 100 शब्द बालश्रमबच्चोंद्वाराउनकेबचपनमेंकिसीभीकार्यक्षेत्रमेंदीजानेवालीसेवाहै।यहजीवननिर्वाहकेलिएसंसाधनोंकीकमी, माता-पिताकीगैरजिम्मेदारीयास्वामीद्वाराजबरदस्तीकमनिवेशपरअपनारिटर्नबढ़ानेकेलिएसंसाधनोंकीकमीकेकारणकियाजाताहै। यहबालश्रमकेकारणसेकोईफर्कनहींपड़ताक्योंकिसभीकारणबच्चोंकोबचपनकेबिनाजीवनजीनेकेलिएमजबूरकरतेहैं।बचपनहरकिसीकेजीवनकीमहानऔरसबसेखुशीकीअवधिहोतीहै, जिसकेदौरानकोईव्यक्तिमाता-पिता, प्रियजनोंऔरप्रकृतिसेजीवनकीमूलरणनीतिकेबारेमेंसीखताहै।बालश्रममानसिक, शारीरिक, सामाजिकऔरबौद्धिकरूपसेसभीपहलुओंमेंबच्चोंकीउचितवृद्धिऔरविकासमेंहस्तक्षेपकरताहै। बालश्रमपरनिबंध, 150 शब्द: बालश्रमबच्चोंद्वाराकिसीभीकार्यक्षेत्रमेंलियागयापूर्णकार्यहै।यहमाता-पिता, बुरीघटनाओंयामालिकोंद्वाराएकजबरदस्तीकरवायाजानेवालाकार्यहै।बचपनसभीकेजन्मकाअधिकारहै, जिसेवहअपनेमाता-पिताकेप्यारऔरदेखभालकेतहतरहनाचाहिएलेकिनबालश्रमकायहगैरकानूनीकार्यएकबच्चेकोबड़ेकीतरहजीवनजीनेकेलिएमजबूरकरताहै। यहबच्चेकेजीवनमेंकईमहत्वपूर्णचीजोंकीकमीकाकारणबनताहैजैसेअनुचितशारीरिकविकासऔरविकास, मनकाअनुचितविकास, सामाजिकऔरबौद्धिकरूपसेअस्वस्थ।बालश्रमएकबच्चेकोबचपनकेसभीलाभोंसेदूररखताहै, सभीकेजीवनकासबसेसुखदऔरयादगारकालकामकरनेमेंबीतजाताहै। यहनियमितस्कूलमेंभागलेनेकीक्षमताकेसाथहस्तक्षेपकरताहैजोउन्हेंदेशकेसामाजिकरूपसेखतरनाकऔरहानिकारकनागरिकबनाताहै।बालश्रमकीयहअवैधगतिविधिसरकारद्वाराबालश्रमकेअधिनियमकोपूरीतरहसेप्रतिबंधितकरनेकेलिएकईनियमोंऔरविनियमोंकेबादभीदिन-प्रतिदिनबढ़तीजारहीहै। बालश्रमपरनिबंध, 200 शब्द: भारतमेंबालश्रमएकसबसेबड़ासामाजिकमुद्दाबनगयाहैजिसेनियमितआधारपरहलकरनेकीआवश्यकताहै।यहकेवलसरकारकीजिम्मेदारीनहींहै, इसेसभीमाता-पिता, मालिकोंऔरअन्यसामाजिकसंगठनोंद्वाराहलकियाजानाचाहिएऔरदेखभालकीजानीचाहिए। यहसभीकामुद्दाहैजिसेव्यक्तिगतरूपसेहलकियाजानाचाहिएक्योंकियहकिसीभीव्यक्तिकेबच्चेकेसाथहोसकताहै।कईविकासशीलदेशोंमेंउच्चस्तरकीगरीबीऔरबच्चोंकेलिएस्कूलीशिक्षाकेअवसरोंकेअस्तित्वकेकारणबालश्रमबहुतआमहै। बालश्रमकीउच्चतमघटनादरअभीभी 50 प्रतिशतसेअधिकहैजिसमेंविकासशीलदेशमें 5 से 14 आयुवर्गकेबच्चेकामकररहेहैं।कृषिक्षेत्रमेंबालश्रमकीदरअधिकहै, जोज्यादातरग्रामीणऔरअनौपचारिकशहरीअर्थव्यवस्थामेंपायाजाताहै, जहांज्यादातरबच्चोंकोमुख्यरूपसेउनकेखुदकेमाता-पिताद्वाराबजायउन्हेंस्कूलभेजनेकेऔरउन्हेंखेलनेकेलिएमुक्तकरनेकेलिएदोस्तोंकेसाथकेबजायकृषिकार्यमेंलगायाजाताहै। बालश्रमकामुद्दाअबएकअंतरराष्ट्रीयचिंताकाविषयहैक्योंकियहदेशकेविकासऔरविकासकोबाधितकरनेमेंअत्यधिकशामिलहै।स्वस्थबच्चेकिसीभीदेशकाउज्ज्वलभविष्यऔरशक्तिहोतेहैंऔरइसप्रकारबालश्रमबच्चोंकेभविष्यकोनुकसानपहुंचाताहै, बिगाड़ताहैऔरनष्टकरताहैऔरआखिरकारदेश। बालश्रमपरनिबंध, Essay on child labour in hindi 250 शब्द बालश्रममानवताकाअपराधहैजोसमाजकेलिएएकअभिशापबनगयाहैऔरदेशकेविकासऔरविकासकोरोकनेवालेबड़ेमुद्देहैं।बचपनजीवनकासबसेयादगारदौरहैजिसेहरकिसीकोजन्मसेजीनेकाअधिकारहै।बच्चोंकोदोस्तोंकेसाथखेलने, स्कूलजाने, माता-पिताकेप्यारऔरदेखभालकोमहसूसकरनेऔरप्रकृतिकीसुंदरताकोछूनेकापूराअधिकारहै। हालांकि, सिर्फलोगों माता-पिता, मालिकों, आदि कीअनुचितसमझकेकारण, बच्चेबड़ेजीवनजीनेकेलिएमजबूरहैं।उन्हेंबचपनमेंजीवनरक्षाकेलिएसभीसंसाधनोंकीव्यवस्थाकरनेकेलिएमजबूरकियाजाताहै।माता-पिताअपनेबच्चोंकेशुरुआतीबचपनमेंउन्हेंअपनेपरिवारकेप्रतिबहुतजिम्मेदारबनानाचाहतेहैं। वेयहनहींसमझतेकिउनकेबच्चोंकोप्यारऔरदेखभालकीआवश्यकताहै, उन्हेंउचितस्कूलीशिक्षाकीआवश्यकताहैऔरदोस्तोंकेसाथठीकसेबढ़नेकेलिएखेलें।ऐसेमाता-पितासमझतेहैंकिउनकेबच्चेउनकीएकमात्रसंपत्तिहैं, वेउनकाउपयोगकरसकतेहैंजैसावेचाहतेहैं। लेकिनवास्तवमें, हरमाता-पिताकोयहसमझनेकीजरूरतहैकिउनकेदेशकेप्रतिभीउनकीकुछजिम्मेदारीहै।उन्हेंदेशकेभविष्यकोउज्ज्वलबनानेकेलिएअपनेबच्चोंकोहरपहलूमेंस्वस्थबनानेकीआवश्यकताहै। माता-पिताकोपरिवारकीसारीज़िम्मेदारीखुदलेनीचाहिएऔरअपनेबच्चोंकोबहुतप्यारऔरदेखभालकेसाथअपनेबचपनकोजीनेदेनाचाहिए।दुनियाभरमेंबालश्रमकेमुख्यकारणगरीबी, माता-पिता, समाज, कमवेतन, बेरोजगारी, खराबजीवनस्तरऔरसमझ, सामाजिकअन्याय, स्कूलोंकीकमी, पिछड़ापन, अप्रभावीकानूनहैंजोदेशकेविकासकोसीधेप्रभावितकररहेहैं। बालश्रमपरनिबंध, 300 शब्द: बालश्रममेंपांचसेचौदहसालकीउम्रमेंबच्चोंकेनियमितरूपसेकामकरनाशामिलहै।कईविकासशीलदेशोंकेबच्चोंकोअपनेअस्तित्वकेलिएबहुतकमवेतनपरअपनीइच्छाकेखिलाफपूरेदिनकड़ीमेहनतकरनेकेलिएमजबूरकियाजाताहै। वेस्कूलजानाचाहतेहैं, अपनेदोस्तोंकेसाथखेलनाचाहतेहैंऔरअपनेमाता-पिताद्वाराअमीरघरोंमेंरहनेवालेअन्यबच्चोंकीतरहप्यारऔरदेखभालचाहतेहै।लेकिनदुर्भाग्यसे, उन्हेंअपनीइच्छाकेविरुद्धकुछकरनेकेलिएमजबूरकियाजाताहै। विकासशीलदेशोंमें, गरीबीकेकारणबालश्रमकीदरअधिकहै, शिक्षाकेलिएनिम्नस्तरकीजागरूकताऔरखराबस्कूलीशिक्षाकेअवसर। 5 से 14 आयुवर्गकेअधिकांशबच्चेग्रामीणक्षेत्रोंमेंअपनेमाता-पिताद्वाराकृषिमेंशामिलपाएजातेहैं।दुनियाभरमेंकिसीभीविकासशीलदेशमेंगरीबीऔरस्कूलोंकीकमीबालश्रमकेप्राथमिककारणहैं। बचपनकोसभीकेजीवनमेंसबसेसुखदऔरमहत्वपूर्णअनुभवमानाजाताहैक्योंकिबचपनहीसीखनेकासबसेमहत्वपूर्णऔरअनुकूलसमयहोताहै।बच्चोंकोअपनेमाता-पितासेउचितध्यानपाने, अपनेमाता-पितासेप्यारऔरदेखभाल, उचितस्कूलीशिक्षा, मार्गदर्शन, दोस्तोंकेसाथखेलनेऔरअन्यखुशीकेक्षणोंकापूराअधिकारहै। बालश्रमहरदिनकईकीमतीबच्चोंकेजीवनकोदूषितकररहाहै।यहउच्चस्तरकागैरकानूनीकार्यहैजिसकेलिएकिसीकोदंडितकियाजानाचाहिएलेकिनअप्रभावीनियमोंऔरविनियमोंकेकारणयहएकतरफहोरहाहै।समाजसेबालश्रमकोजल्दसेजल्दरोकनेकेलिएकुछभीकारगरनहींहोरहाहै। बच्चेबहुतछोटे, प्यारेऔरमासूमहोतेहैं, जोउन्हेंकमउम्रमेंहोनेवालीचीजोंकाएहसासकरातेहैं।वेयहपहचाननेमेंअसमर्थहैंकिउनकेलिएक्यागलतऔरगैरकानूनीहै, बजायइसकेकिवेअपनेकामकेलिएकमपैसेपाकरखुशहों।अनजानेमेंवेदैनिकआधारपरधनप्राप्तकरनेऔरअपनेपूरेजीवनऔरभविष्यकोबर्बादकरनेमेंरुचिरखतेहैं। बालश्रमपरनिबंध, Essay on child labour in hindi 400 शब्द बच्चोंकोउनकेदेशकीसबसेमहत्वपूर्णसंपत्तिकेरूपमेंसंरक्षितकियाजाताहै, लेकिनमाता-पिताकीअनुचितसमझऔरगरीबीउन्हेंदेशकीशक्तिहोनेकेबजायदेशकीकमजोरीकाकारणबनातीहै।गरीबीरेखाकेनीचेकेअधिकांशबच्चेसरकारद्वाराचलाएजारहेजागरूकताकार्यक्रमऔरबच्चेकेकल्याणकेलिएसमाजकेभविष्यकेकल्याणकेबादभीदैनिकबालश्रमकरनेकेलिएमजबूरहैं। बच्चेकिसीभीराष्ट्रकीशक्तिहैंलेकिनकुछलोगइसेलगातारख़त्मकरनेमेंलगरहेहैंऔरदेशकेभविष्यकोनष्टकररहेहैंऔरबढ़तेबच्चोंकोअवैधरूपसेशामिलकरकेछोटेपैसेकमारहेहैं।वेनिर्दोषलोगोंऔरउनकेबच्चोंकेनैतिककेसाथखेलरहेहैं। बच्चोंकोबालश्रमसेबचानादेशमेंरहनेवालेप्रत्येकनागरिककीजिम्मेदारीहै।बालश्रमसामाजिक-आर्थिकमुद्दाहैजोबहुतपहलेसेचलाआरहाहैऔरअबइसेअंतिमआधारपरहलकरनेकीआवश्यकताहै।देशकीआजादीकेबाद, बालश्रमकेसंबंधमेंविभिन्नकानूनऔरकानूनलागूकिएगएहैं, लेकिनदेशमेंइसकाअंतनहींहुआ। बालश्रमशारीरिक, मानसिक, सामाजिकऔरबौद्धिकरूपसेउनकेस्वास्थ्यकोसीधेनष्टकरकेबच्चोंकीमासूमियतकोबर्बादकरताहै।बच्चेप्रकृतिकीप्यारीरचनाहैंलेकिनयहउचितनहींहैकिकुछबुरीपरिस्थितियोंकेकारणवेअपनीउचितउम्रसेपहलेकठिनश्रमकरनेकेलिएमजबूरहोजातेहैं। बालश्रमवैश्विकमुद्दाहैजोअविकसितदेशोंमेंअधिकआमहै।गरीबीरेखाकेनीचेगरीबमाता-पितायामाता-पिताअपनेबच्चोंकीशिक्षाकाखर्चवहनकरनेमेंअसमर्थहैंऔरवेपरिवारकेअस्तित्वकेलिएपर्याप्तपैसाकमानेमेंअसमर्थहैं।इसलिए, वेअपनेबच्चोंकोस्कूलभेजनेकेबजायउनकीजरूरतोंकोपूराकरनेकेलिएकड़ीमेहनतमेंशामिलकरनाबेहतरसमझतेहैं। वेसमझतेहैंकिस्कूलीशिक्षासमयकीबर्बादीहैऔरकमउम्रमेंपैसाकमानाउनकेपरिवारकेलिएअच्छाहै।बालश्रमकेबुरेप्रभावोंकेबारेमेंगरीबलोगोंकेसाथ-साथअमीरलोगों गलततरीकेसेदेशकीसंपत्तिकाउपयोगनहींकरने केबारेमेंजागरूककरनेकीतत्कालआवश्यकताहै। उन्हेंउनसभीसंसाधनोंकालाभउठानाचाहिए, जिनकीउनकेपासकमीहै।अमीरलोगोंकोगरीबलोगोंकीमददकरनीचाहिएताकिउनकेबच्चोंकोभीबचपनमेंसभीआवश्यकचीजेंमिलसकें।सरकारकोइसकीजड़ोंकोहमेशाकेलिएपूरीतरहसेसमाप्तकरनेकेलिएकुछप्रभावीनियमोंऔरविनियमोंकीआवश्यकताहै। बालश्रमक्याहै? जो भी लोग बाल-मजदूरी को बढ़ावा दें उन्हें कठोर रूप से दण्डित कर समाज में ये सन्देश दें की ये एक बहुत बड़ा अक्षम्य अपराध है । 8. कुछ ऐसे संगठन बनाएं जो बाल-मजदूरी को रोकने के लिए प्रयासरत रहे । 2. उपसंहार — बाल मजदूरी हमारे भारत देश और हमारे समाज के लिए एक अभिशाप बन चुका है अगर जल्द ही इसे खत्म नहीं किया गया तो यह हमारे देश की तरक्की में बाधक होगा साथ ही जिन बच्चों को बचपन में हंसना खेलना और पढ़ाई करना चाहिए वह बच्चे हमें अधिक मात्रा में कठिन परिश्रम करते हुए मिलेंगे जिसे हमारा देश का भविष्य खराब हो जाएगा. Child Labour Essay in Hindi was asked in different classes starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12.
हम रोज हर चौराहे हर मोड़ पर बच्चों को कार्य करते हुए देखते हैं लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं जिसके कारण बाल मजदूरी को बढ़ावा मिलता है. इसलिए हमें आज ही बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जहां पर भी कोई बच्चा हमें बाल मजदूरी करते हुए मिले उसकी शिकायत हमें नजदीकी पुलिस स्टेशन में करनी चाहिए. किसी भी बच्चे के लिए बचपन में काम करना एक बहुत ही भयावह स्थिति होती है क्योंकि कभी कभी बच्चों के साथ कुछ ऐसे कृत्य हो जाते है जिससे उनकी पूरी जिंदगी तबाह हो जाती है. बाल श्रम क्या है — भारत के सविधान 1950 के 24 वे अनुच्छेद के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी, कारखानों, होटलों, ढाबों, घरेलू नौकर इत्यादि के रूप में कार्य करवाना बाल श्रम के अंतर्गत आता है अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो उसके लिए उचित दंड का प्रावधान है. बालश्रम पर निबंध Essay On Child Labour In Hindi : भूमिका : बालश्रम बच्चों के द्वारा अपने बाल्यकाल में किया गया श्रम या काम है जिसके बदले उन्हें मजदूरी दी जाती है। बालश्रम भारत के साथ-साथ सभी देशों में गैर कानूनी है। बालश्रम एक कलंक होता है। बालश्रम एक अभिशाप है जिसने अपना जाल पूरे देश में बिछा दिया है कि प्रशासन की लाखों कोशिशों के बाद भी यह अपना प्रचंड रूप लेने में सफलता प्राप्त कर रहा है। बालश्रम हमारे समाज के लिए एक कलंक बन चुका है। बालश्रम : किसी भी बच्चे के बाल्यकाल के दौरान पैसों या अन्य किसी भी लोभ के बदले में करवाया गया किसी भी तरह के काम को बालश्रम कहा जाता है। इस प्रकार की मजदूरी पर अधिकतर पैसों या जरूरतों के बदले काम किया जाता है। बालश्रम पूर्ण रूप से गैर कानूनी है। इस प्रकार की मजदूरी को समाज में हर वर्ग द्वारा निंदित भी किया जाता है। अगर सामान्य शब्दों में समझा जाए तो बच्चे जो 14 वर्ष से कम आयु के होते हैं उनसे उनका बचपन, खेल-कूद, शिक्षा का अधिकार छीनकर उन्हें काम में लगाकर शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित कर कम रुपयों में काम करा कर शोषण करके उनके बचपन को श्रमिक रूप में बदल देना ही बालश्रम कहलाता है। बालश्रम के कारण : आज के समय में बालश्रम पूरे देश में फैल चुका है। हमारे समाज के लिए बालश्रम एक अभिशाप बन चुका है। सरकार द्वारा चलाए गए नियमों के बाद भी गंदी आदत समाज से कभी छूटती ही नहीं है। भारत देश की ज्यादातर आबादी गरीबी से पीड़ित है। कुछ परिवारों के लिए भर पेट खाना खाना भी एक सपना सा लगता है। गरीबी से पीड़ित लोग बहुत बार अपनों को खोने के गम से अवगत हो चुके हैं। गरीबी की वजह से गरीब माता-पिता अपने बच्चों को घर-घर और दुकानों में काम करने के लिए भेजते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसे निर्णय बच्चों की शारीरिक और मानसिक अवस्था को झंझोर कर रख देते हैं। इस निर्णय को अपने परिवार के पेट पालने के उद्देश्य से लिया जाता है। दुकान और छोटे व्यापारी बच्चों से काम बड़ों जितना करवाते हैं लेकिन उन्हें कीमत आधी देते हैं क्योंकि वो बच्चे होते हैं। बच्चे अधिक चालाक नहीं होते हैं इसलिए उन्हें ज्यादा चोरी और ठग का अवसर नहीं मिलता है। व्यापार में उत्पादन लागत कम लगने की वजह से भी कुछ व्यापारी बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर देते हैं। बच्चे बिना किसी भी लोभ के मन लगाकर काम करते हैं। हमारे देश की आजादी के बाद भी बहुत से इलाके ऐसे हैं जहाँ के बच्चे आज तक शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार से वंचित हैं। हमारे देश में हजारों गाँव हैं जहाँ पर पढाई की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है लेकिन अगर व्यवस्था है तो कोशों दूर है। इस तरह का प्रशासनिक ढीलापन भी बालश्रम के लिए जिम्मेदार है। इन सब से ज्यादा पीड़ित गरीब परिवार होते हैं क्योंकि उनके बच्चों के लिए पढना एक सपना होता है। बच्चों के लिए किफायती स्कूलों की कमी की वजह से बच्चों को अनपढ़ और बेबस रहना पड़ता है। बच्चों द्वारा अनपढ़ और बेबस रहना उन्हें मानसिक रूप से कई बार छू जाता है। बहुत बार बच्चे पढाई के बिना जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाते हैं और कभी-कभी ये मजबूरियां उन्हें बालश्रम की खाई में धकेल देती हैं जिससे आज तक किसी का भी भला नहीं हुआ है न ही कभी होगा। बहुत से परिवारों में बालश्रम को परंपरा और रीती का नाम देकर इसको बड़ी आसानी से अंजाम दिया जाता है। बहुत से परिवारों का मानना होता है कि उनके जीवन में कभी अच्छी जिंदगी लिखी ही नहीं है और वर्षों से चली आ रही मजदूरी की परंपरा ही उनका कमाई और जीवन व्यतीत करने का एक श्रोत होता है। बहुत से परिवारों का तो यह भी मानना होता है कि बाल्यकाल से काम करने से बच्चे आने वाले समय में ज्यादा मेहनती और दुनियादार हो जाएंगे। बालश्रम बच्चों के निजी विकास को जन्म देता है जो आगे जिंदगी जीने में आसान होता है। हमारे समाज को लगता है कि लडकियाँ लडकों से कमजोर होती हैं उनकी लडकों से समानता नहीं की जा सकती है। इसी वजह से उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। बालश्रम के परिणाम : एक बच्चे को 1000-1500 रूपए देकर मजदूरी करवाने से कई प्रकार की हानि होती है। इसका परिणाम यह होता है कि बच्चा अशिक्षित रह जाता है। देश का आने वाला कल अंधकार की ओर जाने लगता है। इसके साथ ही बेरोजगारी और गरीबी और अधिक बढ़ने लगती है। अगर देश का आने वाला कल इतना बुरा होगा तो इसमें सभी का नुकसान होगा। जिस उम्र में बच्चों को सही शिक्षा मिलनी चाहिए, खेल कूद के माध्यम से अपने मस्तिष्क का विकास करना चाहिए उस उम्र में बच्चों से काम करवाने से बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास रुक जाता है। शिक्षा का अधिकार मूल अधिकार होता है। शिक्षा से किसी भी बच्चे को वंचित रखना अपराध माना जाता है। बच्चों का कारखाने में काम करना सुरक्षित नहीं होता है। गरीबी में थोड़े से पैसों के लिए अपनी जान को खतरे में डालना या पूरी उम्र उस बीमारी से घिरे रहने जो लाइलाज हो। इसलिए किसी भी बच्चे के लिए बालश्रम बहुत अधिक खतरनाक होता है। अगर कोई बच्चा गरीबी या मजबूरी से परिश्रम कर रहा है तो उसका पर्याप्त वेतन नहीं दिया जाता है और हर प्रकार से उसका शोषण किया जाता है जो बहुत ही गंभीर अपराध है। बालश्रम रोकने के उपाय : बालश्रम हमारे समाज के लिए एक अभिशाप है जो हमारे समाज को अन्याय मुक्त नहीं बनने देगा। हमें बालश्रम का अंत करने के लिए सबसे पहले अपने घरों या दफ्तरों में किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना चाहिए। हमें हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बच्चे से काम करवाने के बदले उसे पैसे देकर या खाना देकर हम उन पर कोई एहसान नहीं करते हैं बल्कि हम उसके भविष्य से खेलते हैं। बालश्रम को खत्म करने के लिए सबसे पहले हमें अपनी सोच को बदलना होगा। बालश्रम को रोकने के लिए मजबूत और कड़े कानून बनाने चाहिएँ जिससे कोई भी बाल मजदूरी करवाने से डरें। अगर आपके सामने कोई भी बालश्रम का मामला आए तो सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन में खबर करनी चाहिए। हमें बालश्रम को पनाह देने वाले पत्थर दिलों के विरुद्ध अपनी आवाज को बुलंद करना चाहिए। आम आदमी को भी बाल मजदूरी के विषय में जागरूक होना चाहिए और अपने समाज में इसे होने से रोकना चाहिए। गरीब माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा की ओर पूरा ध्यान देना चाहिए क्योंकि आज सरकार मुफ्त शिक्षा, खाना और कुछ स्कूलों में दवाईयां जैसी चीजों की सुविधाएँ प्रदान कर रही है। कारखानों और दुकानों के लोगों को प्रण लेना चाहिए कि वो किसी भी बच्चे से मजदूरी या श्रम नहीं करवाएंगे और काम करवाने वाले लोगों को रोकेंगे। अक्सर हम लोग बाजार जाकर अपनी जरूरत का सामान खरीद लेते हैं बिना इस बात को जाने कि इसकी बनावट के पीछे किसी बालश्रम का अभ्यास है या नहीं। ऐसा कहा जा सकता है कि इससे हमारे समाज में बदलाव लाया जा सकता है। हम जब भी कोई सामान खरीदें तो पहले दुकानदार से उसकी तकनीक के बारे में जरुर पूंछें। हम इस प्रश्न को पूंछ कर समाज में सचेतना का एक माहौल पैदा कर सकते हैं। हमें बालश्रम की बनायीं गई किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर हमें किसी भी बालश्रम का पता चले उसके बारे में सबसे पहले बच्चे के परिवार वालों से बात करनी चाहिए। उनके हालातों को समझकर उनके बच्चे के भविष्य के बारे में उन्हें बताना चाहिए। बच्चों के परिवार वालों को बालश्रम के नुकसान और कानूनी जुर्म के बारे में बताना चाहिए। उपसंहार : बालश्रम को खत्म करना केवल सरकार का ही कर्तव्य नहीं है हमारा भी कर्तव्य है कि हम इस योजना में सरकार का पूरा साथ दें। सरकार इस योजना को सफल बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। बालश्रम एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है। इस समस्या को सभी के द्वारा जल्द-से-जल्द खत्म करने की जरूरत है। बच्चे बहुत कम हैं लेकिन वे भविष्य के विकासशील देश का भविष्य हैं।. बाल श्रम रोकथाम के उपाय — 1 जागरूकता — बाल श्रम को अगर रोकना है तो हमें लोगों को जागरूक करना होगा क्योंकि जब तक लोगों में यह जागरूकता नहीं आएगी बच्चों से मजदूरी नहीं करवानी चाहिए और जो भी बच्चे मजदूरी कर रहे है.
बाल मजदूरी के कारण — 1 बाल मजदूरी का सबसे बड़ा कारण हमारे देश में गरीबी का होना है गरीब परिवार के लोग अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ होते हैं इसलिए वे अपने बच्चों को बाल मजदूरी के लिए भेजते है. हमें एक भारत के सच्चे नागरिक होने का कर्तव्य निभाना चाहिए जब भी आपको कोई बच्चा बाल मजदूरी करता हुआ दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी पुलिस थाने मैं उसके खिलाफ शिकायत करनी चाहिए जब तक हम स्वयं जागरुक नहीं होंगे तब तक सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों कि ऐसे ही अवहेलना होती रहेगी. हमें बाल श्रम को जड़ से मिटाने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे साथ ही स्वयं को भी जागरूक होना होगा तभी इस बाल मजदूरी के अभिशाप से छुटकारा पाया जा सकेगा. जैसे जैसे देश की आबादी बढ़ती जा रही है वैसे वैसे ही बाल मजदूर भी बढ़ते ही जा रहे हैं इसे अगर जल्द ही रोका नहीं गया तो हमारे देश के लिए यह आने वाली सबसे बड़ी महामारी होगी. In this article, we are providing an Essay on Child Labour in Hindi. आज हमारे देश में किसी बच्चे का कठिन कार्य करते हुए देखना आम बात हो गई है.
Child Labour Essay in Hindi Language बाल मजदूरी / बाल श्रम पर निबंध
देश में रोजगार के अधिक से अधिक अवसरों का सृजन करें । सार: बाल-मजदूरी एक दंडनीय अपराध है । इसे किसी भी प्रकार से बढ़ावा ना दें । बच्चे प्रकृति की अद्भुत और अनमोल देन हैं, इनके बचपन से ना खेलें । क्या कोई भी देश, शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से अक्षम बच्चों के साथ तरक्की कर सकता है? Long Child Labour Essay in Hindi language. लोगों को छोटा परिवार रखने के लिए प्रेरित करें । 6. प्रारम्भिक शिक्षा को हर स्तर पर मुफ्त करें ताकि गरीब से गरीब बच्चा शिक्षा पा सके । 5. निष्कर्ष — बाल मजदूरी हमारे देश के लिए एक गंभीर समस्या है अगर जल्द ही इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया तो यह पूरे देश को दीमक की तरह खोखला कर देगी. Read essay on child labour in Hindi language. बाल श्रम के दुष्परिणाम — 1 बचपन बर्बाद होना — जीवन का सबसे अच्छा पल बचपन ही होता है जब हम बच्चे होते हैं तो मैं किसी भी बात की चिंता नहीं रहती है हम खिलौने से खेलते हैं और सभी लोग हमें प्यार करते हैं साथ ही हम जो चाहे पढ़ सकते हैं लेकिन जिन बच्चों को बाल मजदूरी के काम में लगा दिया जाता है वह कभी भी खेल नहीं पाते हैं और अपना मनचाहा काम नहीं कर पाते है.
बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना हमारे देश के लिए आज एक चुनौती बन चुका है क्योंकि बच्चों के माता-पिता ही आज बच्चों से बचपन में कार्य करवाने लगे है. बाल श्रम एक ऐसा दिन में जहर है जोकि चंद रुपयों के लिए बेच दिया जाता है यह जहर धीरे-धीरे बच्चे के बचपन को तबाह कर देता है इसके साथ ही देश का नव निर्माण करने वाला भविष्य भी खत्म हो जाता है. दोस्तों आज के इस टॉपिक बाल मजदूरी पर निबन्ध में हम इस गंभीर मुद्दे पर बात करेंगे जिसमे जानेंगे की कैसे हमे इस बात पर ध्यान देना चाहिए और इसे रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए बाल श्रम एक अपराध है और हमे इसे कभी भी बढ़ावा नहीं देना है और हर संभव इसे रोकना है क्योकि एक हमारे समाज के भविष्य के लिए सही नहीं है बच्चे देश का भविष्य होते है अगर वही मजदूरी करने लगे और पढाई लिखाई में ध्यान ना दे तो कैसे हमारा देश आगे बढेगा? लोगों में और खासतौर से माँ-बाप में इस बात की जागरूकता बाधाएं की कैसे बचपन में बच्चों की शिक्षा जरूरी और अनिवार्य है । 3. सभी बच्चों का मन बचपन में खिलौने से खेलने और शिक्षा प्राप्त करने का होता है लेकिन क्या करें साहब कहीं लालच तो कहीं परिवार की जिम्मेदारियां सामने आ जाती है. बाल मजदूरी हमारे समाज और हमारे देश के ऊपर सबसे बड़ा कलंक है आज भले ही भारत के लोग पढ़े लिखे हैं लेकिन जब किसी बच्चे को मजदूरी करते हुए देखते है तो उसकी सहायता नहीं करते हैं सहायता करना तो दूर वे पुलिस या अन्य सरकारी संस्थाओं को इसकी जानकारी तक नहीं देते है. अगर हमें नए भारत का निर्माण करना है तो बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा यह सिर्फ हमारे और सरकार के सहयोग से ही संभव है. बाल मजदूरी के समाधान — 1 बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए में कड़े कानूनों का निर्माण करना होगा साथ ही उनकी सख्ती से पालना भी करवानी होगी.
बाल मजदूरी पर निबंध (Child Labour Essay In Hindi Language)
बाल श्रम को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्य — 1 The Child Labour Prohibition and regulation Act 1986 :बाल श्रम को जड़ से खत्म करने के लिए हमारी सरकार द्वारा 1986 में चाइल्ड लेबर एक्ट बनाया गया है जिसके तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से कार्य करवाना दंडनीय अपराध माना जाएगा. इस लेख मे हमने बाल श्रम बाल मज़दूरी पर निबंध Essay on Child Labour in Hindi हिन्दी मे लिखा है। इसमे हमने बाल मजदूरी का कारण, और रोकने के उपाय बताए हैं। बाल मज़दूरी पर निबंध Essay on Child Labour in Hindi बाल मजदूरी को दूर और रोकने के लिए पुरे विश्व भर में मुहीम छिड़ चूका है। बाल मजदूरी किसी भी देश के समाज के लिए एक अभिशाप बन गया है क्योंकि इससें बच्चों का भविष्य खराब होता है। बाल श्रम एक बहुत बड़ा कारण है जिसके कारण आज विश्व में कई देश विकसित नहीं हो पा रहे हैं। बच्चे ही भविष्य को और बेहतर और नई ऊँचाइयों पर ले कर जायेंगे और यही बच्चे अगर छोटी उम्र में शिक्षा के बजाय लोगों के घर और दुकानों में काम करने लगेंगे तो देश कैसे उन्नत करेगा। भारतीय कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी कारखाने, ऑफ़िस या होटल में काम करवाना क़ानूनन अपराध है। यहाँ तक की भारत में आज भी ज्यादातर जगहों में बाल मजदूरी कराया जा रहा है जिसके कारण बच्चे अशिक्षित रह जा रहे हैं और इस प्रकार आज भी कई प्रकार के नए नियम और कानून निकलने पर भी बाल मजदूरी भारत में कई छोटे व्यापार, होटल, साफ़-सफाई, दुकानों में हो रहा है। यह बहुत ही शर्म की बात है क्योंकि बाल मजदूरी के कारण ही समाज में असाक्षरता, बेरोज़गारी और बाल मजदूरी के कारण Causes of Child Labour in Hindi अब आईए जानते हैं बाल मजदूरी के मुख्य कारण जिसके कारण इसको बढ़ावा मिल रहा है। गरीबी के कारण गरीब दूकान और छोटे व्यापारी भी बच्चों से काम तो बड़े लोगों के जितना करवाते हैं परन्तु दाम उनसे आधा देते हैं क्योंकि वो बच्चे हैं। इस तरह वे उनका फायदा उठाते हैं। बच्चे ज्यादा चालाक नहीं होते हैं इसलिए ज्यादा चोरी और ठग का अवसर नहीं मिलता है। व्यापार में उत्पादन लागतकम लगने के लोभ में भी कुछ व्यापारी बच्चों का जीवन बर्बाद कर देते हैं। बच्चे बिना किसी लोभ के मन लगा कर काम करते हैं परंतु इससे उनका क्या हानी हो रहा है कोई नहीं समझता। वे यह सब अपने परिवार का पेट पालने और कुछ पैसे कमाने के कारण करते हैं। ऐसा भी देखा गया है कुछ लोग छोटी लड़कियों को काम के बहाने घर बुला कर यौन शोषण भी करते हैं। उम्र कम होने के कारण वह कुछ बोल भी नहीं पाती हैं। बाल मजदूरी रोकने के उपाय Solutions to Child Labour in Hindi इसे पूरे विश्व भर से दूर करने के लिए कई प्रकार के मुहिम शुरू किए जा चुके हैं। परंतु उसे साथ-साथ बाल मजदूरी को रोकने के लिए हमें कड़ी कदम उठाने होंगे जिससे हमारा आने वाला भविष्य उज्ज्वल बन सके। बाल मजदूरी के लिए और ज्यादा मजबूत तथा कड़े कानून बनाने चाहिए जिससे कोई भी बाल मजदूरी करवाने से डरे। उन्हें टीवी और इंटरनेट के माध्यम से समझाना होगा की बाल मज़दूरी कितना ज्यादा गैरकानूनी काम है। आम नागरिक को भी बाल मजदूरी के विषय में जागरूक होना चाहिए और अपने समाज में होने से रोकना चाहिए। शिक्षित लोगों को अपने गाँव और कस्बों मे बाल मज़दूरी के विषय मे गरीब लोगों को जागरूक करना चाहिए। गरीब माता-पिताको भी अपने बच्चों की शिक्षा में पूरा ध्यान देना चाहिए क्योंकि अब कारखानों और दुकानों के लोगों को प्रण लेना चाहिए की वो किसी भी बच्चे से मजदूरी या श्रम नहीं करवाएंगे और काम करवाने वाले लोगों को रोकेंगे। सरकार को भी कुछ अच्छे नियम शुरू करने चाहिए जिससे गरीबी, बेरोज़गारी को काम किया जा सके। जब तक हमारे देश में इन दो मज़बूरी से भरे बाल मज़दूरी के प्रभाव Effects of Child Labour एक बच्चे को हर दिन का 100-150 रुपए देकर बाल मजदूरी करवाने के कारण कई प्रकार के हानि होते हैं। इससे यह परिणाम निकलता है कि सबसे पहले तो वह बच्चा अशिक्षित रह जाता है, देश का आने वाला कल और अंधकार की और जायेगा, साथ ही बेरोजगारी और गरीबी और बढ़ेगा। अगर देश का आने वाला कल इतना बुरा होगा तो इसमें हम सभी का घाटा ही तो है। निष्कर्ष Conclusion इस लेख मे हमने बच्चों से मजदूरी व काम कराने के सभी नियम, हानी, सुधार के विषय मे जानकारी दिया गया है। आशा करते हैं आपको इस लेख से यह तो जानकारी मिल ही गई है की हम क्यों और कैसे बाल मज़दूरी को दूर करने में अपना हाँथ बटा सकतें हैं। अगर इस लेख से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं तो कमेन्ट के माध्यम से हमें भेजें। इस बाल श्रम बाल मजदूरी पर निबंध Essay on Child Labour in Hindi को पढ़ने के लिए धन्यवाद। Categories. हमारे देश का दुर्भाग्य है कि आज भी मकड़ी के जाल की तरह बाल श्रम छोटे-छोटे बच्चों को अपने जाल में जकड़ता जा रहा है और हम सब हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे है. से बच्चों का भविष्य तो खराब होता ही है साथ में देश में गरीबी फैलती है और देश के विकास में बाधाएं आती है. हमारी भारत सरकार ने बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए कई कानून बनाए हैं लेकिन उनकी पालना नहीं होने के कारण सड़क के किनारे बने ढाबों, होटलों इत्यादि में आज भी बच्चे बाल मजदूरी कर रहे होते है लेकिन कोई भी उनकी तरफ ध्यान नहीं देता है. लेकिन किताबी दुनिया से बाहर आकर देखे तो हमें हर दुकान हर मोड़ पर बाल मजदूरी करते हुए बच्चे देखने को मिलते है. सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसी को मिले ये सुनिश्चित करें । 7.
Essay on Child Labour in Hindi, बाल मज़दूरी पर निबंध
Slogans on Child Labour in Hindi : दोस्तों आज हमने बाल मजदूरी पर स्लोगन लिखे हैं क्योंकि हमारे भारत देश में बाल मजदूरी आज भी एक बहुत बड़ा विषय है जिसके कारण लाखों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाता है इससे उन बच्चों का बचपन तो बर्बाद होता ही है साथ में हमारे देश की आर्थिक स्थिति पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है. Essay on Child Labour in Hindi 300 Words किसी भी व्यक्ति के लिए बचपन ही सबसे अच्छा और सुनहरा वक्त होता है लेकिन जब बचपन में ही जिम्मेदारियों का बोझ नन्हे हाथों पर डाल दिया जाता है तो बचपन के साथ साथ उसकी पूरी जिंदगी खराब हो जाती है क्योंकि बच्चों से उनके माता-पिता या अभिभावक कुछ चंद रुपयों के लिए कठिन कार्य करवाते है जिससे वह बच्चा पढ़ लिख नहीं पाता है और वह किसी नौकरी करने के योग्य भी नहीं रह पाता है इसलिए उसे मजबूरी वश जिंदगी भर मजदूरी करनी पड़ती है जिससे उसका पूरा जीवन गरीबी में व्यतीत होता है. हकीकत तो यह है कि लोग कानून की परवाह ही नहीं करते है इसी कारण दिन प्रतिदिन बाल श्रम बढ़ता ही जा रहा है. अगर इसे जल्द ही रोका नहीं गया तो बच्चों के भविष्य के साथ साथ देश का भविष्य भी डूब जाएगा. बच्चे ही हमारे देश का भविष्य है अगर उन्हीं का बचपन अंधेरे और बाल श्रम में बीतेगा तो हम एक सुदृढ़ भारत की कल्पना कैसे कर सकते है. बाल मजदूरी पर निबंध बाल श्रम - बाल मजदूरी एक अभिशाप निबंध, Child Labour Meaning in Hindi, Child Labour in India in Hindi, Child Labour Essay In Hindi Language 150, 200, 300, 500, 1000 words For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 Students.